तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
याद आती है तुम्हारी तो दिल भी मुस्कुराता है
माना दूरियां हो चली हैं अ सनम तुमसे
हर लम्हा तुम्हारा ही अह्सास दिला जाता है
याद आती है तुम्हारी……….
मैं करूं भी तो करूं क्या बता दे मुझको
तुम्हारे ख्वाबों ख्यालों में दिल बहल जाता है
याद आती है तुम्हारी……….
ये कैसी तहज़ीब है तुम्हारी मालूम नहीं
गैर के दामन में जाकर कैसे करार आता है
याद आती है तुम्हारी……….
V9द बेहया बेवफा कह दूँ कैसे तुमको
ये तो मेरी मोहब्बत पे ही इल्ज़ाम जाता है
याद आती है तुम्हारी……….
स्वरचित
V9द चौहान