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22 Feb 2024 · 1 min read

तेरी यादों के आईने को

तेरी यादों के आईने को
टुकड़े टुकड़े के सोचा

छूट जाऊंगा
यादों के जाल से

कम्बख़्त
हर टुकड़े में
तेरा अक्स नज़र आया

अतुल “कृष्ण”

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