तेरी यादों की खुशबू
तेरी यादों की खुशबू में हम महकते रहते है,
जब जब तुझको देखते है बहकते रहते है।
अगर तेरा साथ मिल जाता हमे पूरी जिंदगी,
पक्षियों की तरह पूरी जिंदगी चहकते रहते।।
गुजर जायेगी तेरी गली में मुसाफिर की तरह,
सूंघ लेगे तेरी खुशबू हम एक भौंरे की तरह।
भले ही तू अपने घर से कभी न निकलना,
पकड़ लेंगे तुझे हम एक तितली की तरह।।
उनसे मिलना अब हमे जरूरी हो गया है,
उनको समझाना अब जरूरी हो गया है।
कब तक घूमते रहेंगे मुसाफिर की तरह,।
उनको पकड़ना हमे बहुत जरूरी हो गया।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम