तेरी मौहबत का नशा…
कयूं किया तेरी मौहबत का नशा मैने ….
कमबख्त आज भी उतरने का नाम नही ले रहा…
खुदा करे फिर कभी तुझसे मुलाकात न हो…
हो पुरी तेरी हर खवाहीश , और चमके तू चांद की तरह.
पर उस चमक पे कोई” करुण” नाम का दाग न हो…
कयूं किया तेरी मौहबत का नशा मैने ….
कमबख्त आज भी उतरने का नाम नही ले रहा…
खुदा करे फिर कभी तुझसे मुलाकात न हो…
हो पुरी तेरी हर खवाहीश , और चमके तू चांद की तरह.
पर उस चमक पे कोई” करुण” नाम का दाग न हो…