आज़ाद
************ आज़ाद ************
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आजाद था आजाद वो आजाद ही गया,
गुलाम देश की राह कर आज़ाद ही गया।
गोरों की गुलामी उसे मंजूर नही थी,
मंजूरी को कर नामंजूर आजाद ही गया।
देखते ही रह गए हिम्मत भरा वो शौर्य,
बंदूक की नोक तान वो आजाद ही गया।
लाख कोशिशें हुई पर गिरफ्तार न हुआ,
आजादी मन सवार वो आजाद ही गया।
मनसीरत चन्द्रशेखर सा शूरवीर न हुआ,
आजादी बीज बीज वो आज़ाद ही गया।
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सुखविन्दर सिंह मनसीरत