तेरी तस्वीर देखकर
तेरी तस्वीर देखकर
खुद से पूछ बैठी
निश्चल प्रेमी होगे,ये
चाहता एक मन
ये भावना उठी सघन।
मुहर लगाई घर वालों ने
फिर भी दिल में उमंग
होठों पर बरसे मुस्कान
तेरी तस्वीर देखकर
खुद से पूछ बैठी
क्या ये होंगे हमसफर
नैनों में आशाएं
मन गाये अपने ताराने
तेरी तस्वीर देखकर -……
-डॉ . सीमा कुमारी ,3-9-024की स्वरचित रचना मेरी।