तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर
(शेर)- लेकर बहुत उम्मीदें, तेरी चौखट पर हम आये हैं।
मत करना हमको निराश, तुम्हें सहारा समझकर आये हैं।।
सभी जाति- धर्मों के लोग यहाँ, करते हैं तुम्हारा गुणगान।
कर दूर हमारे दुःख तू , तुम्हें भगवान समझकर आये हैं।।
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तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर।
खुशियों से झोली, भर दे हमारी ओ रामापीर।।
ओ रामापीर—————————–(3)
तेरी चौखट पर ————————-।।
अजमल के घर तुमने, लेकर अवतार।
राक्षस भैरव का किया, तुमने संहार।।
पापियों का तू , कर दे संहार ओ रामापीर।
खुशियों से झोली, भर दे हमारी ओ रामापीर।।
ओ रामापीर—————————-(3)
तेरी चौखट पर ————————–।।
मैणादे के पूत तू , बहुत है दयालु।
दीन- दुःखियों पर तू , बहुत है कृपालु।।
हमारे दुःख भी तू , कर दे दूर ओ रामापीर।
खुशियों से झोली, भर दे हमारी ओ रामापीर।।
ओ रामापीर—————————-(3)
तेरी चौखट पर ————————–।।
निहालदे के भरतार, पर्चा दिखा हमको भी।
सुगना के बीर तू , अपने लगा गले हमको भी ।।
तेरी दुहाओं की, वर्षा कर हम पर ओ रामापीर।
खुशियों से झोली, भर दे हमारी ओ रामापीर।।
ओ रामापीर—————————-(3)
तेरी चौखट पर ————————–।।
सभी धर्मों के लोग, करते हैं पूजा तुम्हारी।
आते हैं तेरे पास, गाते हुए महिमा तुम्हारी।।
रामसा पीर भी,कहते हैं तुमको ओ रामापीर।
खुशियों से झोली, भर दे हमारी ओ रामापीर।।
ओ रामापीर—————————-(3)
तेरी चौखट पर ————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)