तेरी खातिर मौत से…
तेरी खातिर मौत से,…..करलूँ दो-दो हाथ !
रह न सकूँगा मैं प्रिये, छूट गया यदि साथ !!
बदला मौसम ने स्वंय , ज्यों ही सहज मिजाज!
अँगडाई लेने लगी,……….महबूबा त्यों आज !!
रमेश शर्मा
तेरी खातिर मौत से,…..करलूँ दो-दो हाथ !
रह न सकूँगा मैं प्रिये, छूट गया यदि साथ !!
बदला मौसम ने स्वंय , ज्यों ही सहज मिजाज!
अँगडाई लेने लगी,……….महबूबा त्यों आज !!
रमेश शर्मा