Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2022 · 1 min read

*तेरा साथ (13-7-1983)*

तेरा साथ (13-7-1983)
________________________
(1)
किया था आज ही के दिन सफर हमने शुरू अपना
ये दिन तुम‌को मुबारक हो, ये दिन मुझको मुबारक हो
(2)
तुम्हारा हाथ मैने, तुमने मेरा हाथ पकड़ा था
हमारी जिन्दगी में अंक तेरह का बहुत शुभ है
(3)
जो तेरा साथ पाया तो वो दिन सचमुच सुहाना था
कलैन्डर में लिखी तारीख “तेरा सात” ही तो थी
_________________________
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: शेर
223 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
पुष्प
पुष्प
Dinesh Kumar Gangwar
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
किस्सा कुर्सी का - राज करने का
किस्सा कुर्सी का - राज करने का "राज"
Atul "Krishn"
वक़्त गुज़रे तो
वक़्त गुज़रे तो
Dr fauzia Naseem shad
জয় হনুমান জয় হনুমান
জয় হনুমান জয় হনুমান
Arghyadeep Chakraborty
खुद को तलाशना और तराशना
खुद को तलाशना और तराशना
Manoj Mahato
कब टूटा है
कब टूटा है
sushil sarna
चला मुरारी हीरो बनने ....
चला मुरारी हीरो बनने ....
Abasaheb Sarjerao Mhaske
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अन-मने सूखे झाड़ से दिन.
अन-मने सूखे झाड़ से दिन.
sushil yadav
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पत्तल
पत्तल
Rituraj shivem verma
3558.💐 *पूर्णिका* 💐
3558.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
आर.एस. 'प्रीतम'
धन्यवाद के शब्द कहूँ ये कम है।
धन्यवाद के शब्द कहूँ ये कम है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
राम की धुन
राम की धुन
Ghanshyam Poddar
#Rahul_gandhi
#Rahul_gandhi
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
Phool gufran
माँ
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
त्योहारों का देश
त्योहारों का देश
surenderpal vaidya
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
*तीरथ-यात्रा तो मन से है, पर तन का स्वास्थ्य जरूरी है (राधेश
*तीरथ-यात्रा तो मन से है, पर तन का स्वास्थ्य जरूरी है (राधेश
Ravi Prakash
यदि हमें अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन करना है फिर हमें बाहर
यदि हमें अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन करना है फिर हमें बाहर
Ravikesh Jha
"जन्नत का रास्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
gurudeenverma198
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
पूर्वार्थ
डिजिटल भारत
डिजिटल भारत
Satish Srijan
Loading...