तेरा मुस्कुराना महज़ एक धोखा- सा था
तेरा मुस्कुराना महज़ एक धोखा- सा था
मैं प्यार समझ बैठा तुझपे जो भरोसा था
नालायक दुनियां समझती चाहे मुझको यारां
बस तूं ही तूं तो आंखों का एक झरोखा था ।।
मधुप बैरागी
तेरा मुस्कुराना महज़ एक धोखा- सा था
मैं प्यार समझ बैठा तुझपे जो भरोसा था
नालायक दुनियां समझती चाहे मुझको यारां
बस तूं ही तूं तो आंखों का एक झरोखा था ।।
मधुप बैरागी