तेरा मिल जाना
तेरा मिल जाना
दिल का खिल जाना
सच में जाना
दिल से दिल में गुजर जाना
लगता है रहे ये उम्र – भर जमाना
सच में जाना
वो बहारों का आना
तेरा झूम जाना
ढूंढ़े जीवन तराना
सच में जाना
दिल से दिल में गुजर जाना
मंजर ये टूटे ना , दिल किसी का रूठे ना
होता ये ना फसाना
तेरा मिल जाना
दिल का खिल जाना
सच में जाना
लगता है रहे ये उम्र – भर जमाना_ डॉ. सीमा कुमारी ,बिहार
,भागलपुर दिनांक-28-3-022की मौलिक स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं