*तेरा मालिक सहारा है (गीत)*
तेरा मालिक सहारा है (गीत)
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
भँवर में फंँस गई नौका ,तेरा मालिक सहारा है
(1)
हमें कब ज्ञान दुनिया का ,कहाँ हममें समझदारी
हमें कब ज्ञात था तूफान ,जो सिर पर खड़ा भारी
शरण में हैं तेरे मालिक, तुझे हमने पुकारा है
(2)
परिस्थितियाँ सभी विपरीत, यह नौका डूबाएँगी
भरी सामान से नौका-सहित जीवन को खाएँगी
निकलने का मुसीबत से, न दिखता कोई चारा है
भँवर में फँस गई नौका ,तेरा मालिक सहारा है
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451