Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr fauzia Naseem shad
189 Followers
Follow
Report this post
26 Nov 2023 · 1 min read
तेरा एहसास
ज़िंदगी कैक्टस हो जितनी भी ।
तेरा एहसास फूल जैसा है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
9 Likes
· 243 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
फ़ासले
Dr. Fauzia Naseem Shad
एहसास के मोती
Dr. Fauzia Naseem Shad
मेरे एहसास
Dr. Fauzia Naseem Shad
You may also like:
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
"यादें" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पीपल बाबा बूड़ा बरगद
Dr.Pratibha Prakash
पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों के नाम भी होते हैं
Atul "Krishn"
नहीं जरूरी जिंदगी,
sushil sarna
छोटी सी बात
Kanchan Khanna
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
Dr. Alpana Suhasini
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
संवादरहित मित्रता, मूक समाज और व्यथा पीड़ित नारी में परिवर्तन
DrLakshman Jha Parimal
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
11. *सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Poetry Writing Challenge-3 Result
Sahityapedia
- मिलकर उससे
Seema gupta,Alwar
#मुक्तक-
*प्रणय*
" बुढापा "
Dr. Kishan tandon kranti
जब इंस्पेक्टर ने प्रेमचंद से कहा- तुम बड़े मग़रूर हो..
Shubham Pandey (S P)
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
Sanjay ' शून्य'
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
जागरूकता
Neeraj Agarwal
4460.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अमर शहीदों के चरणों में, कोटि-कोटि प्रणाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं घर आंगन की पंछी हूं
करन ''केसरा''
कच्चे मकानों में अब भी बसती है सुकून-ए-ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
* गीत कोई *
surenderpal vaidya
महाराजा अग्रसेन, प्राचीन अग्रोहा और अग्रवाल समाज
Ravi Prakash
विधा:"चन्द्रकान्ता वर्णवृत्त" मापनी:212-212-2 22-112-122
rekha mohan
अगर अपने ही लोग आपको पसंद नही करते है तो समझिए आपने उनसे बहु
Rj Anand Prajapati
Loading...