* तू ही लैला तू ही हीर है *
* तू ही लैला तू ही हीर है *
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दिल मे तेरी तस्वीर है,
तू ही लैला तू ही हीर है।
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा हो,
तुम्हीं से जीवन हमारा हो,
तुमसे ही सुंदर तकदीर हैं।
तू ही लैला तू ही हीर है।
पुन्नू मजनू महिवाल हम,
प्रेम पथ के कोतवाल हम,
रोमियो रांझे से फकीर हैँ।
तू ही लैला तू ही हीर है।
फूलों सी सुगंध है घोलती,
नीली नीली ऑंखें बोलती,
ठंडी ठंडी बहती समीर है।
तू ही लैला तू ही हीर है।
मनसीरत मन रहे दौलता,
लहू हरदम यूं ही खोलता,
हर कोने बसती नजीर है।
तू ही लैला तू ही हीर है।
दिल मे तेरी तस्वीर है।
तू ही लैला तू ही हीर है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)