तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
कैसे बीते पल पल _घड़ी एक एक भारी थी।।
खफा हुआ कोई बात नहीं ___पर,
जरा बता देना हमको_
गलती क्या हमारी थी।।
रहेंगे तेरे आभारी_ रहेंगे तेरे आभारी।।
कवि राजेश व्यास “अनुनय”
साहित्य पीडिया के सभी पाठको को
प्रणाम
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