Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2023 · 1 min read

तू रुक ना पायेगा ।

तू रुक ना पायेगा,
बुद्ध सरण में जाने से।

बुद्ध है आते जब,
सब दौडे़ आते है,
उनके दर्शन को,
सब पाना चाहते है।

तू रुक ना पायेगा,
बुद्ध सरण में जाने से।…..(१)

मुख मंडल उनके देख ,
तू झुक ही जाएगा,
बुद्ध की करुणा तुझ पर,
बरस ही जाएगा।

तू रुक ना पायेगा,
बुद्ध सरण में जाने से।……(२)

उपदेश सुनेगा तू,
तू सुख ही पाएगा,
शांति जीवन में तेरे,
खुशहाली लाएगा।

तू रुक ना पायेगा,
बुद्ध सरण में जाने से।…….(३)

ज्ञान बुद्ध का तुझको,
भ्रम से दूर ले जाएगा,
सत्य अहिंसा का ,
जीवन में मार्ग अपनाएँ गा।

तू रुक ना पायेगा,
बुद्ध सरण में जाने से।……(४)

तेरा मन बस जाएगा,
मुख से कहता जाएगा,
बुद्धम् सरणं गच्छामि,
धन्य है धन्य है तू भगवान ।

तू रुक ना पायेगा,
बुद्ध सरण में जाने से।…….(५)

रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

3 Likes · 1 Comment · 254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all

You may also like these posts

मां!क्या यह जीवन है?
मां!क्या यह जीवन है?
Mohan Pandey
गुमशुदा
गुमशुदा
Rambali Mishra
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
मन के घाव
मन के घाव
Girija Arora
Sometimes people  think they fell in love with you because t
Sometimes people think they fell in love with you because t
पूर्वार्थ
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
Manoj Mahato
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
रुपेश कुमार
- तुम अगर साथ देते तो हम आज नामचीन होते -
- तुम अगर साथ देते तो हम आज नामचीन होते -
bharat gehlot
23/113.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/113.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय*
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा
चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा
कुमार अविनाश 'केसर'
वो जहां
वो जहां
हिमांशु Kulshrestha
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चीर हरण!
चीर हरण!
Jai krishan Uniyal
अंतिम यात्रा पर जाती हूँ,
अंतिम यात्रा पर जाती हूँ,
Shweta Soni
अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं
अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं
Atul "Krishn"
पूर्ण विराम
पूर्ण विराम
sheema anmol
सबूत- ए- इश्क़
सबूत- ए- इश्क़
राहुल रायकवार जज़्बाती
फूल
फूल
Neeraj Agarwal
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
Ravi Prakash
स्वभाव मधुर होना चाहिए, मीठी तो कोयल भी बोलती है।।
स्वभाव मधुर होना चाहिए, मीठी तो कोयल भी बोलती है।।
Lokesh Sharma
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
Aarti sirsat
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
Rekha khichi
शिक्षक
शिक्षक
Kanchan verma
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
Pratibha Pandey
Loading...