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26 Aug 2023 · 1 min read

*तू बन जाए गर हमसफऱ*

तू बन जाए गर हमसफऱ
*********************

तू बन जाए गर हमसफऱ,
कट। जाएगा बाकी सफर।

पागल दिल रहता है मचल,
तन मन पर छाया है असर।

देखा है सारा घूम कर,
सारी मुश्किल है हर डगर।

कोशिश कोई चलती नहीं,
कोई हल ना आता नजर।

मनसीरत जाए ना बदल,
सूना – सूना लगता नगर।
*********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
419 Views
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