Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2024 · 1 min read

तू फिर से याद आने लगी मुझको।।

फिर से मौसम बेइमानी पे उतर आया
आलमारी से डायरी निकालनी पड़ी मुझको
अंधेरी रातें फिरसे सताने लगी हैं
तू फिर से याद आने लगी मुझको।।

मैंने सोचा कि, चलो कुछ काम करते हैं
अधूरी जिन्दगी अब उसके नाम करते हैं
मुकद्दर में मेरे वो था ही नहीं शायद
लकीरों में उसका नाम किसी ने लिखा ही नहीं शायद।

मुझे आता ही नहीं फरेब की दुनिया बसाना
वो मुझसे मांग रही थी सितारों का आशियाना
उसकी रूमानी थोड़ा पसंद आने लगी थी मुझको
तब तक तो वो छोड़ कर जाने लगी थी मुझको।।

क्या लिखूं, क्या सोचूं, क्या कहूं
कुछ समझ नहीं आता है मुझको
देखना तो पूरी दुनिया चाहता हूं मैं
उसके सिवा और कुछ नज़र नहीं आता मुझको

उसका नूऱ, उसकी हया, उसकी मासूमियत
बहुत परेशान करती है मुझको
मैं परेशान हूं बस इक बात से
उसकी वो हैवानियत नजर क्यूं नहीं आती है मुझको।।

अश्क फिर आंखों से निकलने लगे
मुझे फिर सिगरेट जलानी पड़ रही है
तू फिर याद आने लगी मुझको।
तू फिर याद आने लगी मुझको।।

सारा शहर जल चुका है
मैं राख सा कहीं पड़ा हूं
ये क्या? तू फिर बुलाने लगी मुझको
तू‌ फिर से याद आने लगी मुझको
तू फिर से याद आने लगी मुझको

~ विवेक शाश्वत

18 Views

You may also like these posts

सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं
Manisha Manjari
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मन
मन
Uttirna Dhar
गीत
गीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पिटूनिया
पिटूनिया
अनिल मिश्र
गीत ग़ज़लों की साक्षी वो अट्टालिका।
गीत ग़ज़लों की साक्षी वो अट्टालिका।
पंकज परिंदा
...
...
*प्रणय*
नए साल की मुबारक
नए साल की मुबारक
भरत कुमार सोलंकी
सत्य सनातन गीत है गीता
सत्य सनातन गीत है गीता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बात मेरी होगी,कल
बात मेरी होगी,कल
Nitu Sah
उदासी की चादर
उदासी की चादर
Phool gufran
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जो थक बैठते नहीं है राहों में
जो थक बैठते नहीं है राहों में
REVATI RAMAN PANDEY
3822.💐 *पूर्णिका* 💐
3822.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
समर कैम्प (बाल कविता )
समर कैम्प (बाल कविता )
Ravi Prakash
आज के लड़के
आज के लड़के
अभिनव अदम्य
कुपथ कपट भारी विपत🙏
कुपथ कपट भारी विपत🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अपना बन जायेगा
अपना बन जायेगा
Ghanshyam Poddar
*तू नहीं , तो  थी तेरी  याद सही*
*तू नहीं , तो थी तेरी याद सही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सच्चे देशभक्त ‘ लाला लाजपत राय ’
सच्चे देशभक्त ‘ लाला लाजपत राय ’
कवि रमेशराज
आज मेरिट मजाक है;
आज मेरिट मजाक है;
पंकज कुमार कर्ण
कि  इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
कि इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
Mamta Rawat
ये इश्क भी जुनून हैं,मुकाम पाने का ।
ये इश्क भी जुनून हैं,मुकाम पाने का ।
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
"शुक्रगुजार करो"
Dr. Kishan tandon kranti
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
Rajesh Tiwari
तेरे ना होने का एहसास....
तेरे ना होने का एहसास....
Akash RC Sharma
डरना हमको ज़रा नहीं है,दूर बहुत ही कूल भले हों
डरना हमको ज़रा नहीं है,दूर बहुत ही कूल भले हों
Dr Archana Gupta
अगर हो हिंदी का देश में
अगर हो हिंदी का देश में
Dr Manju Saini
परिवार का बदलता रूप
परिवार का बदलता रूप
पूर्वार्थ
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...