*तू नहीं , तो थी तेरी याद सही*
तू नहीं , तो थी तेरी याद सही
***************************
तू नहीं , तो थी तेरी याद सही,
कुछ अभी तो थोड़ी सी बाद सही।
हम अकेले ही उस पार खड़े,
यूँ इधर तेरे थी तादाद सही।
उस शहर में मेरे थी धूल उडी,
प्रेम नगरी बसती आबाद सही।
चल सके ना कोई थी राह मिली,
पथ चले जो वो,हम बर्बाद सही।
हथकड़ी बंधी खाली हाथ नहीं,
तू पंछी नभ में आजाद सही।
संग रह कर भी ना थे बोल सके,
हो सका ना कोई संवाद सही।
रह न पाया मनसीरत साथ सदा,
आखिरी समझो की इमदाद सही।
*************************
सुखविंद सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)