तुम
ओज तेज अंड पिंड सर्वत्र तुम ही एक हो
देव देवी वीर पीर यक्ष गंधर्व अतिरेक हो
आत्मा परमात्मा में भगवान में तुम ही तुम
परम शक्ति अर्थ तुम ही मनुज विवेक हो
ओज तेज अंड पिंड सर्वत्र तुम ही एक हो
देव देवी वीर पीर यक्ष गंधर्व अतिरेक हो
आत्मा परमात्मा में भगवान में तुम ही तुम
परम शक्ति अर्थ तुम ही मनुज विवेक हो