सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
एक प्यारा एहसास हो, मीठा दर्द ‘तुम’ हो,
इबादत हो, हर मर्ज की दवा भी ‘सिर्फ तुम’ हो,
घनघोर घटाओं में बारिश की बूंद ‘तुम’ हो,
इस जन्म नहीं, अगले जन्म नहीं, हर जन्म की आस भी ‘सिर्फ तुम’ हो।।
सीमा टेलर ‘तू है ना’ (छिम़पीयान लम्बोर)