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29 Jul 2024 · 1 min read

तुम हो तो काव्य है, रचनाएं हैं,

तुम हो तो काव्य है, रचनाएं हैं,
तुम हो तो उम्मीद है, आशाएं हैं
तुम प्रेरणा हो निरंतर गीत की,
तुम लय हो मधुर संगीत की।

तुम हो तो शामें रंगीन हैं,
तुम हो तो रातें स्वप्निल हैं,
तुम हो तो जीवन उपवन है
तुम हो तो हर उम्र यौवन है।

खनकती बेबाक हंसी तुम्हारी
फहरती महकती जुल्फ़ें तुम्हारी
ये सावन की फुहारें, ये भीगा बदन,
तुमसे ज्यादा बातूनी,पलकें तुम्हारी।

तुम हो तो हर मौसम सुहाने हैं,
ठौर-ठौर पे गोकुल हैं, बरसाने हैं
लाख सताएं मुश्किलें जीवन को,
जुबां पे रूमानी रूहानी गाने हैं।

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