Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2021 · 1 min read

तुम सा नही…!

डरे-डरे से रहते हो,
ह्रदय की न बात कहते हो।
प्रेम रस में बहकर भी,
इंद्रजीत से रहते हो।
– रघु

Language: Hindi
305 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मधुमाश
मधुमाश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जो दिखाते हैं हम वो जताते नहीं
जो दिखाते हैं हम वो जताते नहीं
Shweta Soni
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
आनन्द मिश्र
* बिखर रही है चान्दनी *
* बिखर रही है चान्दनी *
surenderpal vaidya
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
Poonam Matia
3581.💐 *पूर्णिका* 💐
3581.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रंगों का बस्ता
रंगों का बस्ता
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
Radha Bablu mishra
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
पूर्वार्थ
कुर्सी मिलते ही हुआ,
कुर्सी मिलते ही हुआ,
sushil sarna
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
👌मुक्तक👌
👌मुक्तक👌
*प्रणय*
प्यासा_कबूतर
प्यासा_कबूतर
Shakil Alam
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
इख़्तिलाफ़
इख़्तिलाफ़
अंसार एटवी
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
VINOD CHAUHAN
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
Abhishek Soni
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
धुंध कुछ इस तरह छाई है
धुंध कुछ इस तरह छाई है
Padmaja Raghav Science
सीमजी प्रोडक्शंस की फिल्म ‘राजा सलहेस’ मैथिली सिनेमा की दूसरी सबसे सफल फिल्मों में से एक मानी जा रही है.
सीमजी प्रोडक्शंस की फिल्म ‘राजा सलहेस’ मैथिली सिनेमा की दूसरी सबसे सफल फिल्मों में से एक मानी जा रही है.
श्रीहर्ष आचार्य
सिय का जन्म उदार / माता सीता को समर्पित नवगीत
सिय का जन्म उदार / माता सीता को समर्पित नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सूख गया अब
सूख गया अब
हिमांशु Kulshrestha
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
gurudeenverma198
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
Dr.Pratibha Prakash
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
*जल-संकट (दोहे)*
*जल-संकट (दोहे)*
Ravi Prakash
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
Loading...