तुम मिल गए
अच्छे लोगों को तलाशता रहा उम्र भर
तुम मिल गए तो मेरी तलाश खत्म हुई
स्नेह और प्यार का दरिया बहता है यहां
मैंने भी अपनी कश्ती दरिया में उतार दी
बहते बहते मिल जाएगा किनारा किसी दिन
जब तुमने मेरी कश्ती की पतवार संभाल ली
यहां विचारों से तराशे जाते हैं कलम के हीरे
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें तो निखार आ जाये
वीर कुमार जैन
25 जुलाई 2021
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