तुम महकोगे सदा मेरी रूह के साथ,
तुम महकोगे सदा मेरी रूह के साथ,
तुम्हारी खुसबू कुछ इस तरह मुझ में समाई है।
न छुवा न निगाह भर के देखा तुम्हे,
ये पाकीजा इश्क़ बहुत हरजाई है।।
तुम महकोगे सदा मेरी रूह के साथ,
तुम्हारी खुसबू कुछ इस तरह मुझ में समाई है।
न छुवा न निगाह भर के देखा तुम्हे,
ये पाकीजा इश्क़ बहुत हरजाई है।।