Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

तुम बिन जीने की बात सोचकर ही डर जाती हूं

जागती हूं मैं दीवानी, तेरी यादों के संग संग,
कभी अकेली रातों में तेरे सपने सजाती हूं।

तुझ्से ही है जहां मेरा रोशन, तुझे पाकर मैं सारी दुनिया को भूल जाती हूं।

तूने सिखाया है हंसना मुझे, अब तो ये आलम है कि मैं अपने आप ही मुस्कुराती हूं।

तुमसे दूर जाऊं भी तो कैसे, तुम्हारे साथ मैं खुद को महफूज़ पाती हूं।

तुमसे बिछड़कर न रह पाऊंगी मैं,
तुम बिन जीने की बात सोचकर ही डर जाती हूं।

1 Like · 25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
🌸अनसुनी 🌸
🌸अनसुनी 🌸
Mahima shukla
आख़िरी हिचकिचाहट
आख़िरी हिचकिचाहट
Shashi Mahajan
सोचता हूँ  ऐ ज़िन्दगी  तुझको
सोचता हूँ ऐ ज़िन्दगी तुझको
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शु'आ - ए- उम्मीद
शु'आ - ए- उम्मीद
Shyam Sundar Subramanian
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
"सुबह की चाय"
Pushpraj Anant
ये जीवन किसी का भी,
ये जीवन किसी का भी,
Dr. Man Mohan Krishna
वो जो आए दुरुस्त आए
वो जो आए दुरुस्त आए
VINOD CHAUHAN
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नाथ सोनांचली
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
21वीं सदी और भारतीय युवा
21वीं सदी और भारतीय युवा
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*हैं जिनके पास अपने*,
*हैं जिनके पास अपने*,
Rituraj shivem verma
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
sushil sarna
*सर्राफे में चॉंदी के व्यवसाय का बदलता स्वरूप*
*सर्राफे में चॉंदी के व्यवसाय का बदलता स्वरूप*
Ravi Prakash
शिव स्तुति
शिव स्तुति
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अस्तित्व की तलाश में
अस्तित्व की तलाश में
पूर्वार्थ
"याद है मुझे"
Dr. Kishan tandon kranti
*पीड़ा*
*पीड़ा*
Dr. Priya Gupta
माँ
माँ
संजय कुमार संजू
तुमने - दीपक नीलपदम्
तुमने - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
हिंदी मेरी माँ
हिंदी मेरी माँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
Anil chobisa
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
3299.*पूर्णिका*
3299.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
Rainbow on my window!
Rainbow on my window!
Rachana
आवाज़
आवाज़
Dipak Kumar "Girja"
संबंध अगर ह्रदय से हो
संबंध अगर ह्रदय से हो
शेखर सिंह
Loading...