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27 Nov 2022 · 1 min read

तुम नए सूरज बने हो

गीत – तुम नए सूरज बने हो

तुम नए सूरज बने हो
बाँटते हो हर घर उजाला
मैं तो ठहरा एक जुगनू
फिर भी मेरा घर छोड़ देना

है चमक चेहरे पर तेरे
जो कर रही हैं मुझको औंधा
गर कहीं मैं दिख जो जाऊँ
मुंह तुम अपना मोड़ लेना

क्या कभी सोचा है तुमने?
के रात में क्या होगा तुम्हारा
हर कोई जो है तुम्हारा
चाँद से रिश्ता जोड़ लेगा

सूरज सी तपिश जेहन में लेकर
जो फिर रहे हो इधर -उधर
गर तपिश ज्यादा सताए
तो छाँव में रुख मोड़ लेना

गलतफहमियों की अमरबेल
जकड़ लेती है रोम – रोम
गर ये दिलो -दिमाग़ तक आए
तो कस के इसको मरोड़ देना

तुम नए सूरज बने हो
बाँटते हो हर घर उजाला
मैं तो ठहरा एक जुगनू
फिर भी मेरा घर छोड़ देना
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 169 Views
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