तुम तो अपने थे। तुम्हारी नज़रों ने भी तमाशाई बनकर देखा हमें। तुम तो अपने थे फिर क्यों भीड़ में शामिल हुए।। ✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️