तुम जानती हो..??
पता है तुम चाहती बहुत मुझे मगर,2
ऐ दोस्त, मैं एक अनजान मुसाफिर हूं भला।।।
मुझे समझ पाना मुश्किल बहुत है मगर,2
एक बार मेरी आंखो में देखो, सच का दरिया है यहां।।।
पता है तुम चाहती बहुत मुझे मगर,2
ऐ दोस्त, मैं एक अनजान मुसाफिर हूं भला।।।
मुझे समझ पाना मुश्किल बहुत है मगर,2
एक बार मेरी आंखो में देखो, सच का दरिया है यहां।।।