तुम कहते हो की हर मर्द को अपनी पसंद की औरत को खोना ही पड़ता है चाहे तीनों लोक के कृष्ण ही क्यों ना हो
तुम कहते हो की हर मर्द को अपनी पसंद की औरत को खोना ही पड़ता है चाहे तीनों लोक के कृष्ण ही क्यों ना हो।
अरे तुम्हें तो ये बोलते हुए भी शर्म आनी चाहिए।
राधा और कृष्ण का प्यार द्वापर युग का था, और ये कलयुग अगर तुम यहां किसी से कृष्ण और राधा की तरह प्यार करोगे तो उसे खोना नहीं पड़ेगा।
लेकिन पहले तुम कृष्ण की तरह प्यार करो तो, तुम्हारा प्यार तो केवल शारीरिक आकर्षण हैं।
तुम्हें तो केवल हर घाट का पानी पीना है, और कहते हो की मेरा प्यार सच्चा था।
अगर तुहारा प्यार सच्चा होते किसी को खोना नही पड़ेगा, आज-कल तो लोग प्यार के नाम पे एक दूसरे का केवल आपने मतलब के लिए इस्तेमाल करते है और इस्तेमाल कर के छोड़ देते है।
अरे तुम बिना किसी मतलब का किसी से प्यार करो तो, फिर देखना तुम्हें उस प्यार में कितना अच्छा लगेगा, बस बिना मतलब किसी चाहत के किसी इच्छा के एक दूसरे का साथ दो एक दूसरे का ध्यान दो, फिर देखना तुम्हें इस प्यार में कितना सुकून मिलेगा।
और अगर सच्चा प्यार किए हो तो थोड़ा देर ही सही लेकिन मिलोगे जरूर।