तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
तुम तो सिर्फ वैसा करो, जैसा तुमसे कहता हूँ।
मेरी क्या है मर्जी दोस्त, और मैं क्या चाहता हूँ।।
तुम तो सिर्फ करो वैसा————————।।
मुझको जब कोई नहीं डर, तुम क्यों डरती हो ऐसे।
संग तुम्हारे तो मैं हूँ , अकेली तुम हो फिर कैसे।।
बिगड़ेगा कुछ नहीं तेरा, ख्याल मैं तेरा रखता हूँ।
तुम तो सिर्फ वैसा करो————————-।।
बदल अब सोच तू अपनी, तेरा कोई दोष नहीं है।
दूर कर अपने वहम को, तुझपे कोई पहरा नहीं है।।
खुले आसमां में तुमको, उड़ाना सच मैं चाहता हूँ।
तुम तो सिर्फ वैसा करो————————–।।
तुम्हारी इस तरहां तारीफ, यहाँ पर कौन करेगा।
प्यार सच्चा तुमको ऐसे, यहाँ पर कौन करेगा।।
तुमको मैं अपना साथी, सच्चे दिल से मानता हूँ।
तुम तो सिर्फ वैसा करो————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)