तुम्हे क्या लगता,
तुम्हे क्या लगता,
बहुत दूर तलक जा पाओगे,
मुझे यकीन है,
उन्हीं पैरों से वापस आओगे।
जहां पर छोड़े हैं निशां,
मैने अपनी मुहब्बत के।
पलटकर देखो उन्हें,
क्या कभी मिटा पाओगे।।
तुम्हे क्या लगता,
बहुत दूर तलक जा पाओगे,
मुझे यकीन है,
उन्हीं पैरों से वापस आओगे।
जहां पर छोड़े हैं निशां,
मैने अपनी मुहब्बत के।
पलटकर देखो उन्हें,
क्या कभी मिटा पाओगे।।