तुम्हें जब याद करता हूँ
भले तुम कोहरे को धूल या बादल समझ लेना,
नहीं इक बेवफ़ा को आँख का काजल समझ लेना,
मेरे आँसू निकलते हैं तुम्हें जब याद करता हूँ-
मैं आशिक हूँ कहीं मुझको नहीं पागल समझ लेना।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 27/02/2021
भले तुम कोहरे को धूल या बादल समझ लेना,
नहीं इक बेवफ़ा को आँख का काजल समझ लेना,
मेरे आँसू निकलते हैं तुम्हें जब याद करता हूँ-
मैं आशिक हूँ कहीं मुझको नहीं पागल समझ लेना।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 27/02/2021