तुम्हें आना होगा बुद्ध
देखो ना !तुम्हारे संसार में बेगैरतों की भीड़ है ,
इन्हें तृष्णा रूपी मृगतृष्णा से निकालना होगा
बुद्ध !तुम्हें आना होगा ।
माना यह संसार तुम्हारी सुनता नहीं
करता है अपनी मनमानी,
इन्हें अष्टांगिक मार्ग पर चलाना होगा
बुद्ध! तुम्हें आना होगा ।
बुरा वक्त है बेचैन है आदमी
मान बैठा है इसे जीवन की नित्यता ,
इन्हें अनित्यवाद का पाठ पढ़ाना होगा
बुद्ध !तुम्हें आना होगा।
डूबा है मानव मोह -मद में
मोह -पाश में जकड़ा है,
इन्हें क्षणिकवाद समझाना होगा
बुद्ध !तुम्हें आना होगा ।
पापियों का लक्ष्य भोग है ,
इसे ही वह मान बैठा है
जीवन की सत्यता
इन्हें निर्वाण का पाठ पढ़ाना होगा
बुद्ध !तुम्हें आना होगा ।
धरती त्राहिमाम कर रही है
और तुम्हारे ज्ञान की प्यासी है
इन्हें सही रास्ता दिखाना होगा ,
बुद्ध! तुम्हें आना होगा ।
__चारूमित्रा, रांची (झारखंड)