तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
हिन्द का कैसे हो उत्थान
ये भारत वहीं हमारा जन्हा वहती दुध दही की धारा
इस मात्रभूमि में जन्मे थे राम श्याम भगवान
हिन्द का कैसे हो उत्थान
झूठी दौलत के चक्कर में
सब आपस में लड़ते हैं
गुरूजनो का ओर बडो का जरा ना आदर करते हैं
कागज के टुकड़ों पर सब ने बेच दिया ईमान
हिन्द का कैसे हो उत्थान
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
हिन्द का कैसे हो उत्थान
बाबू जी की दूसरी कविता
सुशील मिश्रा क्षितिज राज