तुम्हीं तो हो ,तुम्हीं हो
तुम्हीं तो हो ,तुम्हीं हो ,
प्रीतम की छवि तुम्हीं हो,ओ छलिया,
ओ नटवर नागर,
ओ बंशी वाले ,
जरा धुन की सुना दे रे ।
नैनों में छा ले रे।
मेरे मन आँगन में इतरा ले रे ।
ओ बंशी वाले
जरा धुनकी सुना दे रे।
मेरे कण – कण में तू
मेरे रग-रग में तू
आधार तुम्हीं अभार तुम्हीं
दिल का अगार तुम्हीं
ओ बंशी बाले..
नैनों की बदलियाँ तुम ही ।
ओ बंशी वाले……..
_ डॉ. सीमा कुमारी , बिहार,भागलपुर ,25-6-022दिनांक की मौलिक एवं स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।