तुम्हारे साथ,
तुम्हारे साथ,
तुम्हारे पास होने की
कैफ़ियत भी क्या अजीब थी
छूने से तुम्हें महरूम हुआ करे
यूँ तो तुम बेहद करीब थीं
हिमांशु KULSHRESTHA
तुम्हारे साथ,
तुम्हारे पास होने की
कैफ़ियत भी क्या अजीब थी
छूने से तुम्हें महरूम हुआ करे
यूँ तो तुम बेहद करीब थीं
हिमांशु KULSHRESTHA