तुम्हारे साथ की गई चैट।
मैंने तुम्हारे साथ की हुई चैट का एक एक शब्द,
ओस की बूंदों की तरह संभाल कर रखा है,
उन्हें विस्मृतियों के सूरज की तपन से बचा कर रखा है,
अपनी पलकों की पंखुरियों में छुपा कर रखा है,
पूछना तो जरूर चाहती होगी,
क्यों, तो सुनो,
मैं पुनः पुनः चैट के उदगम पर जाता हूँ,
और यह देखकर चकित रह जाता हूँ,
कि कैसे Hi , hello से शुरू हुआ सफर,
एक प्रगाढ़ रिश्ते में तब्दील हो गया,
एक मुख़्तसर सी गुफ़्तगू फसाना तफसील हो गया,
FB की इस आभासी दुनिया के आभास में ही खो जाएं,
बहुत मुमकिन है कि कभी भी रु- ब -रु न हो पाएं,
पर मैं तुम्हे पूरी शिद्दत के साथ ,
वास्तविकता में अपने पास पाता हूँ,
और इस आभासी दुनियां को वास्तविक समझकर,
वास्तविकता के सारे गुणधर्म भूल जाता हूँ।