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16 May 2019 · 1 min read

तुम्हारे प्यार का आँचल, हमेशा सिर पे मेरा हो

मित्रों माँ को समर्पित है मुक्तक । गुरूःब्रह्मा गुरुःविष्णु गुरूः देवा महेश्वरः ।मित्रों माँ का स्वरूप इन तीनों देवो मे प्रकाशित होता है। समर्थन कीजिए।

तुम्हारे प्यार का आँचल, हमेशा सिर पे मेरा हो।
तुम्हारे चरण कमलों पर , हमेशा शीश मेरा हो।
खुशी मिलती तुम्हे मुझसे, खुशी मिलती मुझे तुमसे ।
तुम्हे वंदन तुम्हे अर्पण , हमेशा ध्येय मेरा हो

डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, सीतापुर

Language: Hindi
287 Views
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