“ तुम्हारे गीत मेरे कानों तक “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
=====================
तुम्हारे गीत को सुनके मुझे सुकून मिला !
तुम्हारे प्रीत को पानेका एक जुनून मिला !!
तुम्हारे गीत को………………….!
तुम्हारे संगीतों ने समा बांधा !
तुम्हारे गायकी ने सुर साधा !!
खुशी मिली मुझे जन्नत की !
लगा मिली है मुझको राधा !!
तुम्हारे प्रीत को पानेका एक जुनून मिला !
तुम्हारे गीत को सुनके मुझे सुकून मिला !!
तुम्हारे गीत को………………….!
तुम्हारा गीत सदा ही गूँजेंगा !
मेरे दिल को सदा बहलाएगा !!
तुम दूर कभी चली जाओगी !
गीत सदा ही गुन गुनाएगा !!
तुम्हारे प्रीत को पानेका एक जुनून मिला !
बड़ा नसीब है अपना मुझे सुकून मिला !!
तुम्हारे गीत को…………………. !
हमसफ़र सदा बनकर रहना !
दूर जानेकी जिद्द ना करना !!
अपने संगीत और लय को !
इस जहाँ में अमर करना !!
तुम्हारे प्रीत को पानेका एक जुनून मिला !
बड़ा नसीब है अपना मुझे सुकून मिला !!
तुम्हारे गीत को………………….!
===========================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत
27. 03. 2022.