तुम्हारी याद भीगी सी,
तुम्हारी याद भीगी सी,
मुझे सोने नहीं देतीं
शहद जैसी ये मीठी भी,
कैरियों सी है खट्टी भी,
कभी अल्हड़ किशोरों सी,
समझदारी की पट्टी भी
गुदगुदाती हैं अक्सर ये
मुझे रोने नहीं देतीं
तुम्हारी याद…
हिना सी खुशबुओं वाली,
चाँद हाथों में रखती है
इंद्रधनुषी तेरी यादें
रंग सपनों में भरती है,
अंधेरों में मेरे अब ये,
मुझे खोने नहीं देती,
तुम्हारी याद…
मेरे भीतर मचलती है,
नदी की ये तरंगों सी,
मुझे बेचैन कर देती,
किनारों की उमंगों सी,
जुदा तुझसे कभी भी ये,
मुझे होने नहीं देती,
तुम्हारी याद…