तुम्हारी आंखें
तुम्हारी आँखे……
कितनी प्यारी कितनी दिलक़श तुम्हारी आँखे
बला की शोखी अजीब रंगत सुरमई सी तुम्हारी आँखे
जो देखे आँखे वो गश खाए लड़खड़ाए
जाम है या मयक़दा है तुम्हारी आँखे
तीर ऐसे चलाए आँखे दिल पे ज़ख्म लगाए आँखे
हाय कैसी क़ातिल ये ज़ालिम तुम्हारी आँखे
तैरना जो चाहूँ डूबाए आँखे लहरों मे उलझाए आँखे
सागर सी चुप झील सी गहरी तुम्हारी आँखे
जितना देखूँ ये आँखे प्यास उतनी बढ़ाए आंखे
शरबत सी मीठी सराबोर तुम्हारी आँखे
जबसे देखा इन आँखों मे खो गया हु
जान ए जाना मुझे पागल बनाए तुम्हारी आँखे