** तुम्हारी आँखों में **
बहुत है तपिस सीने में
बारिश है तुम्हारी आंखो में
रंजोगम है हमारे सीने में
प्यार है तुम्हारी आंखो में
जलता है मेरा ये जिगर
ठण्डक है तुम्हारी आंखो में
पत्थर है ये दिल जो मेरा
पिघला है तुम्हारी आँखों में
अब ना रह पाऊंगा दूर तुझसे
पाया है प्यार तुम्हारी आंखो में
सीने में है जलन मेरे
तूफ़ान है तुम्हारी आँखों में
अंदर तपिस बाहर तपिस
नमी बसी है तुम्हारी आंखो में
किस बात की है कमी जो
छायी नमी तुम्हारी आंखो में।।
?मधुप बैरागी