तुम्हारा हृदय
इतना कठोर हृदय क्यों हुआ तुम्हारा।
मैं पूछूं ये जग वालों गाय ने क्या बिगारा।
देखकर गाय की हालत बह चली आंसू धारा।
मैं पूछूं ये जग वालों गाय ने क्या बिगारा।
जिसने तुम्हें पाला, और अपना सबकुछ न्यौछारा।
मैं पूछूं ये जग वालों गाय ने क्या बिगारा।
इतना कठोर हृदय क्यों हुआ तुम्हारा।
इसको तुम पूजते हो, और मां कहकर पुकारते हो।
इसके ही एक लाल ने भव पार उतारा।
मैं पूछूं ये जग वालों गाय ने क्या बिगारा।
जो लिया है तुमने उसे वापिस भी कर दो।
इसका भी कर्ज है, ऊपर तुम्हारा।
इतना कठोर हृदय क्यों हुआ तुम्हारा।