तुमसे मिलु मैं कुछ इस तरह…
तुमसे मिलु मैं कुछ इस तरह, की कोई मुझे आवाज़ ना दे,
घुल जाउ तुममे इस कदर, की धड़कने मेरा साथ ना दे
कह जाउ तुमसे इस तरह, की कोई सुन भी ना पाये,
आंखे बयाँ करें और जुबां जज़्बात ना दे.
– © नीरज चौहान
तुमसे मिलु मैं कुछ इस तरह, की कोई मुझे आवाज़ ना दे,
घुल जाउ तुममे इस कदर, की धड़कने मेरा साथ ना दे
कह जाउ तुमसे इस तरह, की कोई सुन भी ना पाये,
आंखे बयाँ करें और जुबां जज़्बात ना दे.
– © नीरज चौहान