तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी
तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी।
करता नहीं हूँ और किसी से ऐसी।।
तुमसे करता हूँ ———————–।।
और भी बहुत है, यहाँ मेरी माशूका।
लेता हूँ आनंद बहुत, मैं उनके हुस्न का।।
फिर भी नहीं हूँ उनकी गिरफ्त में इतना।
चाहता हूँ तुमको मैं, सच में इतना।।
तुमसे करता हूँ ———————–।।
शौकीन बहुत हूँ मैं, इन हसीनाओं का।
लेता हूँ मौज बहुत मैं, इन हसीं फूलों का।।
चेहरा है फिर भी, इन आँखों में तुम्हारा ही।
आता है ख्वाब अब भी, मुझको तुम्हारा ही।।
तुमसे करता हूँ ———————–।।
प्यार भी मुझको, ये बहुत करती है।
बनाने को सनम, ये इच्छा रखती है।।
लेकिन दिल में तो, बसी है तू ही।
मेरे दिल की भी, खुशी है तू ही।।
तुमसे करता हूँ ———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)