तुझे अपने दिल में बसाना चाहती हूं
तुझे मैं अपना बनाना चाहती हूं।
सब कुछ तुझे सोपना चाहती हूं।
कोई चुरा न ले,तुझको मुझसे,
अपने दिल में छिपाना चाहती हूं।।
तुझे अपने दिल में बसाना चाहती हूं।
तुझसे मिलने का बहाना चाहती हूं।
उठ रहे है जो दिल में मेरे अरमान,
उनको तुझ से मै कहना चाहती हूं।।
हर पल तेरे साथ बिताना चाहती हूं।
तेरे होठों से केवल स्पर्श चाहती हूं।
अगर आयेगी जब कभी मौत मुझको,
बस तेरी बाहों में मै मरना चाहती हूं।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम