तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
हर चीज़ तुनें रुला रुला कर दी है
जिंदगी दे भी रहा है तु तो किश्तों वाली
हर किश्त में मेरी आह भरनें लगी है।
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
हर चीज़ तुनें रुला रुला कर दी है
जिंदगी दे भी रहा है तु तो किश्तों वाली
हर किश्त में मेरी आह भरनें लगी है।