*तीर्थ नैमिषारण्य भ्रमण, दर्शन पावन कर आए (गीत)*
तीर्थ नैमिषारण्य भ्रमण, दर्शन पावन कर आए (गीत)
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तीर्थ नैमिषारण्य भ्रमण, दर्शन पावन कर आए
1)
हमने देखा चक्रकुंड, जिसकी महिमा है न्यारी
जुड़ी हुई पौराणिक युग से, इस की गाथा प्यारी
गहराई पाताल लोक तक, कौन नापने जाए
2)
मिश्रित सब तीर्थों के जल से, कुंड-दधीचि बना है
इसी क्षेत्र में पिप्पलाद, पीपल का वृक्ष घना है
गौरव के वृत्तांत सुशोभित, प्रतिमाओं ने गाए
3)
भॉंति भॉंति के मंदिर हैं जो, दैवी दृश्य सॅंजोते
वर्ष हजारों बीते लेकिन, यह महत्व कब खोते
देख-देख इन प्रतिमाओं को, सबके मन हर्षाए
4)
काली प्रतिमा मॉं काली की, सिंदूरी हनुमान की
मिली कथा मनु-शतरूपा के, तप पावन वरदान की
व्यास भागवत शौनिक ऋषि, कुछ भूले पृष्ठ सुनाए
तीर्थ नैमिषारण्य भ्रमण, दर्शन पावन कर आए
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451