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27 Feb 2020 · 1 min read

तीन मुक्तक भगवान के

न आता चांद रातों में, दिन में धूप न खिलता
बिना उनके इशारे के यहां पर कुछ नहीं मिलता
होता दुनिया में जो है वो है भगवान की मर्ज़ी
बिना भगवान की मर्ज़ी के पत्ता भी नहीं हिलता

सारे नीचे हैं उससे, वो ही बस चरम पर है
मिलता है वो उसको बस जो उसके धरम पर है
देता वो ही है सबको , उसी से पाया है सबकुछ
दुनिया का हरेक रंग-रूप उसके ही करम पर है

वो चाहे तो पल भर में, सूखे को हरा कर दे
बड़े को कर दे छोटा और छोटे को बड़ा कर दे
उसके हाथ है संसार में आना , चले जाना
वो चाहे मार दे , चाहे तो मुर्दे को खड़ा कर दे

विक्रम कुमार
6200597103

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 310 Views
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